बांका, मई 25 -- श्रावणी मेला: मेले में कमाई के साथ साथ शिवभक्तों की सेवा के लिए घर लौटने लगे परदेशी कटोरिया (बांका), निज प्रतिनिधि श्रावणी मेला सिर्फ एक धार्मिक आयोजन नहीं, बल्कि यह आस्था, सेवा और स्थानीय अर्थव्यवस्था के सशक्तिकरण का एक अनूठा संगम है। सुल्तानगंज से देवघर तक फैले कांवरिया पथ पर जहां लाखों शिवभक्तों की आस्था उमड़ती है, वहीं इस आयोजन से हजारों परिवारों को रोजगार और आमदनी का जरिया मिलता है। क्षेत्र की एक बड़ी आबादी दिल्ली, महाराष्ट्र, गुजरात, पंजाब, हरियाणा सहित अन्य राज्यों के शहरों में मेहनत मजदूरी के लिए काम करने जाती है। लेकिन श्रावणी मेला के दौरान लगभग परदेशी अपने घर लौट आते हैं। अब जब मेला शुरू होने में महज 46 दिन शेष रह गए हैं, तो तैयारियों ने रफ्तार पकड़ ली है। परदेशी मजदूर और व्यापारी अपने गांवों की ओर लौटने लगे हैं,...