अररिया, फरवरी 24 -- भरगामा, एक संवाददाता सामूहिक श्राद्ध का भोज की प्रथा कई परिवार को आर्थिक रूप से तोड़ देती है। इससे शोकाकुल परिवार पर जहां मानसिक,शारीरिक व आर्थिक बोझ पड़ता है, वहीं इस परंपरा के कारण कई परिवार कर्ज तले दबकर उजड़ भी जाते हैं। इसी को ध्यान में रखकर अमर कथा शिल्पी फणीश्वर नाथ रेणु को प्रारंभिक शिक्षा देने के साथ दर्जनों क्रांतिवीर स्वतंत्रता सेनानी को अवतरित करने वाली सिमरबनी की धरती ने पुन: एक सामाजिक चेतना का काम किया है। मंडल समुदाय बाहुल्य सिमरबनी के रूपेश कुमार जो उत्क्रमित मध्य विद्यालय छर्रापट्टी में एचएम के पद पर कार्यरत हैं ने समाज के सामने नजीर पेश किया है। उन्होंने अपने पिता व प्रखर समाजसेवी सुरेंद्र प्रसाद मंडल के निधन पर श्राद्ध भोज न कर गरीब और असहाय लोगों के बीच कंबल का वितरण किया। बता दें कि रूपेश कुमार ने अप...
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