दुमका, अक्टूबर 23 -- दलाही, प्रतिनिधि। प्रशासन व जनप्रतिनिधि से टूटे आश तो दशरथ मांझी के रास्ते चल श्रमदान कर ग्रामीणों में गांव तक पहुंच पथ को चलने लायक बना दिया। मामला मसलिया प्रखंड क्षेत्र के कोलारकोंदा पंचायत के पहाड़ पर बसा बसमता गांव की है। इस गांव में आदिवासी समुदाय के 30 परिवार के लगभग 2 सौ सदस्य यहां निवास करते हैं। जिनके लिए आज तक सड़क निर्माण नहीं किया गया है। ग्रामीणों की माने तो मसलिया प्रखंड के बाकी कई क्षेत्रों में सड़कों का लगातार निर्माण व जिर्णोद्धार का कार्य प्रशासन की ओर से कराया जा रहा है। बावजूद इस गांव की ओर न तो प्रशासन का ध्यान गया है और न ही जनप्रतिनिधि की ओर से ही सड़क निर्माण को लेकर अब तक कोई पहल नहीं की गई है। कई बार ग्रामीणों द्वारा सड़क का निर्माण कराए जाने की मांग की गई, पर किसी ने भी इस ओर नहीं ध्यान दिया। ...