सहारनपुर, अक्टूबर 13 -- सोमवार को अहोई अष्टमी का पर्व श्रद्धा और उल्लास के साथ मनाया गया। यह पर्व मुख्य रूप से संतान की लंबी आयु, अच्छे स्वास्थ्य और सुख-समृद्धि की कामना के लिए माताओं द्वारा आयोजित किया जाता है। पूरे दिन माताएँ निर्जला व्रत रखकर अपने बच्चों की खुशहाली के लिए प्रार्थना करती हैं। संध्या समय वे अहोई माता की पूजा कर तारे निकलते ही उन्हें अर्घ्य देती हैं। सुबह-सुबह स्नान और ध्यान के बाद माताओं ने पूजा स्थलों को गेरू और रंगों से सजाया। दीवार पर अहोई माता और उनके सात बच्चों की चित्रकला बनाई गई। पूजा स्थल पर चावल, मूली, सिंघाड़े, कटोरी और दूध आदि से भोग सजाया गया। प्रातःकाल से ही कथा का पाठ चलता रहा, जिसमें माता के बच्चों की सुरक्षा, घर की समृद्धि और सुख-शांति की कहानियाँ सुनाई गईं। व्रत के दौरान चावल और अन्य सामग्री को साड़ी या ...