हरिद्वार, जून 11 -- कांगड़ी, श्यामपुर, सजनपुर पीली, लालढांग और चिड़ियापुर बॉर्डर तक आज भी खेल गतिविधियों के लिए एक भी आरक्षित मैदान मौजूद नहीं है। मैदान के अभाव में खेलों में करियर बनाने की चाह रखने वाले ग्रामीण युवक-युवतियां घनघोर जंगल के बीच नहर पटरी,अस्पताल के लिए आरक्षित खाली पड़ी भूमि और पगडंडियों जैसी अस्थायी जगहों पर अभ्यास कर अपने सपनों को साकार करने की कोशिश में जुटे हैं। क्षेत्र में बीते कुछ वर्षों में आबादी में तेज़ी से बढ़ोतरी हुई है, जिससे आवास और खेती के लिए भी ज़मीन की कमी महसूस हो रही है। ग्राम पंचायतों की सार्वजनिक ज़मीनों पर अवैध कब्ज़ों के कारण खेल मैदान की संभावनाएं और भी सीमित हो गई हैं। स्थानीय जनप्रतिनिधियों की उदासीनता और भू-माफियाओं की मिलीभगत ने स्थिति को और गंभीर बना दिया है।
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