छपरा, अगस्त 20 -- हिंदी में सॉनेट को भारतीय परिवेश में ढालने वाले कवि छपरा, हिन्दुस्तान प्रतिनिधि। आधुनिक हिंदी कविता की प्रगतिशील त्रयी नागार्जुन केदारनाथ अग्रवाल और त्रिलोचन में एक मजबूत स्तंभ रहे कवि त्रिलोचन शास्त्री की जयंती पर उन्हें भावभीनी श्रद्धांजलि दी गई। गंगा सिंह महाविद्यालय के हिंदी विभाग के सहायक प्राध्यापक व जदयू शिक्षा प्रकोष्ठ के प्रदेश उपाध्यक्ष डॉ कमाल अहमद ने कहा कि त्रिलोचन शोषित वंचित और दबे कुचले समाज की सदैव मुखर आवाज रहे। 20 अगस्त 1917 को उत्तर प्रदेश के कटघरा चिरानी पट्टी गांव में जन्मे त्रिलोचन का असली नाम वासुदेव सिंह था। उन्होंने काशी हिंदू विश्वविद्यालय से अंग्रेजी में एमए और लाहौर से संस्कृत में शास्त्री की उपाधि प्राप्त की थी । हिंदी में प्रयोगधर्मिता के समर्थक और बाजारवाद के विरोधी त्रिलोचन नए लेखकों के ल...