बक्सर, जुलाई 18 -- चक्की, एक संवाददाता। एक तरफ सरकार गांवों में स्वास्थ्य व्यवस्था सुदृढ़ करने के अनेक कल्याणकारी योजनाओं का संचालन कर रही है। जबकि, प्रखंड के चारों पंचायतों में बने सरकारी स्वास्थ्य उपकेंद्र में न तो डॉक्टर हैं, न ही पर्याप्त दवाएं उपलब्ध है। आलम यह है कि केंद्रों पर टीकाकरण, महिलाओं का प्रसव पूर्व चेकअप, फीवर और डायरिया जैसी सामान्य बीमारियों तक का इलाज नहीं हो पाता है। इन उपकेंद्रों में न तो नियमित रूप से स्वास्थ्यकर्मी बैठते हैं, न ही दवा की व्यवस्था है। कई केंद्रों में एएनएम महीनों से नहीं दिखी। जबकि, कहीं आशा कार्यकर्ता के भरोसे पूरी व्यवस्था टिकी है। ग्रामीणों का कहना है कि उपकेंद्रों का भवन जरूर बना है। लेकिन, वहां न डॉक्टर आते हैं, न ही नियमित इलाज की व्यवस्था है। चंदा, अरक, जवहीं दियारा और चक्की पंचायत में एक जैस...
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