गोरखपुर, सितम्बर 21 -- गोरखपुर, कार्यालय संवाददाता दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय के शोध अनुवाद की ओर से रिसर्च एथिक्स और प्लेगेरिज्म की परीक्षा में जबरदस्त लापरवाही का मामला सामने आया है। शोध अनुवाद की ओर से शोधार्थियों को परीक्षा की जानकारी ही नहीं दी गई न ही यह बताया गया कि इसमें कौन से छात्र शामिल होंगे। इसे लेकर छात्रों ने कुलपति कार्यालय पर करीब एक घंटे तक धरना प्रदर्शन किया। अंत में कुलपति छात्रों के धरना प्रदर्शन के दबाव में कमेटी बनाकर छूटे हुए शोधार्थियों की पुन परीक्षा कराने का आश्वासन दिया, तब जाकर छात्र माने। छात्रों के मुताबिक, राजनीति शास्त्र विभाग में जब शोध छात्र परीक्षा के लिए पहुंचे तो उन्हें जानकारी मिली कि सिर्फ तीन छात्रों की परीक्षा के लिए प्रश्नपत्र एवं उत्तर पुस्तिका शोध अनुभाग की ओर से भेजा गया है। इस बीच...