गोरखपुर, अप्रैल 16 -- गोरखपुर, निज संवाददाता। उत्तर प्रदेश के राज्य विश्वविद्यालयों और महाविद्यालयों के उन शिक्षकों और कर्मचारियों के लिए अच्छी खबर है, जो पीएचडी कर रहे हैं या करने जा रहे हैं। प्री पीएचडी कोर्स वर्क के दौरान अनिवार्य रूप से लिया जाने वाला छह महीने का अवकाश अब उन्हें नहीं लेना होगा, बशर्ते उनका शोध स्थल और कार्यस्थल एक हो। इसे लेकर शासन ने गंभीरता दिखाते हुए तीन सदस्यीय समिति गठित कर दी है। विश्वविद्यालयों में पीएचडी में दाखिले के बाद छह महीने का प्री पीएचडी कोर्स होता है। इस दौरान विश्वविद्यालयी शिक्षकों या कर्मचारियों को अनिवार्य रूप से छह महीने का असाधारण अवकाश लेना पड़ता है। छह महीने के अवैतनिक अवकाश के कारण शिक्षकों-कर्मचारियों को आर्थिक संकटों का सामना करना पड़ता है। अक्सर यह शिकायतें आती रहती हैं कि कुछ शिक्षकों ने ...