धनबाद, मार्च 20 -- धनबाद, मुकेश सिंह। मार्च में ही गर्मी दस्तक दे चुकी है। झरिया जैसे कोयला क्षेत्र में जल संकट गंभीर है। लोकसभा व विधानसभा के चालू सत्र में मुद्दा उठा। जवाब भी आया है। वैसे विकास योजनाओं को लेकर करार (एमओयू) और योजनाओं की जमीनी सच्चाई में फर्क है। योजनाओं की स्थिति के अनुसार गर्मी के इस सीजन में उक्त योजनाओं का लाभ मिलने की उम्मीद नहीं है। झारखंड में रघुवर सरकार के दौरान एमओयू हुआ था। अबतक पिट वाटर की धनबाद में एक भी योजना पूरी नहीं हुई है। कोयला मंत्रालय की ओर से झारखंड में शोधित खदान जल पर लोकसभा के चालू सत्र में दिए गए जवाब में कहा गया कि खनन क्षेत्र में जल संरक्षण दिशा-निर्देश के अनुरूप पीने, सिंचाई और औद्योगिक उद्देश्यों के लिए उपचारित खदान जल के इस्तेमाल को बढ़ावा दे रहे हैं। लाभकारी उपयोग के लिए उपचारित खदान जल की ...
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