मेरठ, सितम्बर 28 -- मेरठ। कृत्रिम बुद्धिमत्ता वर्तमान युग में शिक्षा, शोध, स्वास्थ्य, उद्योग और दैनिक जीवन में क्रांतिकारी परिवर्तन ला रहा है। मशीन लर्निंग, डीप लर्निंग एवं डाटा प्रोसेसिंग की अवधारणाओं को समझना जरूरी है। भविष्य में शोध क्षेत्र में इनका महत्व और बढ़ेगा। सीसीएसयू कैंपस के अंग्रेजी विभाग में जारी अल्पावधि प्रशिक्षण कार्यक्रम में यह बात गौरव कुमार ने कही। शोध पद्धति और तकनीकी नवाचार से जुड़े मुद्दों पर बात हुई। प्रो.एबी गुप्ता ने काई-स्क्वेयर परीक्षण की सांख्यिकीय परीक्षण की उपयोगिता, परिकल्पना परीक्षण में इसकी भूमिका, सामाजिक विज्ञान अनुसंधान में इसके प्रयोग के उदाहरण प्रस्तुत किए। प्रो.रविन्द्र कुमार ने कहा किसी भी शोध का पहला और सबसे महत्त्वपूर्ण चरण शोध प्रस्ताव होता है जिसमें शोध की रूपरेखा, उद्देश्य, समस्या चयन, परिकल्प...
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