मेरठ, अक्टूबर 2 -- मेरठ। भारत और वियतनाम जैसे विकासशील देशों में उभरते रोगों के निदान हेतु वैज्ञानिक दृष्टिकोणों की प्रासंगिकता अत्यधिक है। शोध एवं नवाचार में नए दृष्टिकोण अपनाने से ही वैज्ञानिक उपलब्धियां संभव हो पाएंगी। विद्यार्थी वैज्ञानिक तरीके से सोचते हुए उभरती चुनौतियों के समाधान में जुटें। सीसीएसयू कैंपस में माइक्रोबॉयोलॉजी एवं बॉयोटेक्नोलॉजी विभाग द्वारा संयुक्त रूप से 'सूक्ष्म जैविकी और रोग निदान में अंशीय दृष्टिकोण विषय पर हुए विशेष व्याख्यान में यह बात नोंग लॉम विवि वियतनाम में सहयोगी अध्यापक एवं निदेशक डॉ. गुयेन बाओ क्वोक ने कही। पूर्व में सीसीएसयू और नोंग लॉम विवि के बीच हुए एमओयू के तहत बुधवार को उक्त व्याख्यान हुआ। शुभारंभ डॉ. गुयेन बाओ क्वोक, प्रोवीसी प्रो. मृदुल गुप्ता, प्रो. वीरपाल सिंह, प्रो. जितेंद्र सिंह, प्रो. अमित ...