कार्यालय संवाददाता, जुलाई 31 -- जुनून सच्चा हो तो मंजिल खुद रास्ता बना लेती है। इलाहाबाद विश्वविद्यालय के एलुमनी शैलेंद्र सिंह गौर ने इसे साबित कर दिया है। शैलेंद्र सिंह गौर ने ऑटोमोबाइल की दुनिया में क्रांतिकारी बदलाव का बीड़ा उठाया है। करीब दो दशक की कठिन तपस्या के बाद शैलेन्द्र ने सिक्स स्ट्रोक इंजन बना लिया है, जो मौजूदा तकनीक को पीछे छोड़ते हुए एक लीटर तेल पेट्रोल में 176 किमी का जबर्दस्त माइलेज देता है। भारत सरकार से उनकी इस तकनीक को दो पेटेंट मिल चुके हैं। कानपुर नगर के मूल निवासी शैलेंद्र झूंसी में रहते हैं। उन्होंने इलाहाबाद यूनिवर्सिटी से 1983 में बीएससी (पीसीएम) की डिग्री हासिल की। 2007 में गौर की नौकरी टाटा मोटर्स में लगी, लेकिन काम नहीं किया। उन्होंने एमएनएनआईटी के मैकेनिकल विभाग की प्रयोगशाला में छह महीने तक प्रो. अनुज जैन क...
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