नई दिल्ली, अगस्त 21 -- अमेरिकी टैरिफ और विदेशी निवेशकों के पैसे निकालने के दबाव के कारण, इस साल भारतीय शेयर मार्केट में केवल मामूली बढ़ोतरी होने का अनुमान है। विश्लेषकों का मानना है कि बाजार के नए रिकॉर्ड स्तर पर पहुंचने का इंतजार अब साल 2026 तक खिंच सकता है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा भारतीय निर्यात पर 50% टैरिफ लगाए जाने के बाद, विदेशी निवेशकों ने इस साल भारतीय शेयरों में लगभग 13 अरब डॉलर (लगभग 1.08 लाख करोड़ रुपये) की शुद्ध बिकवाली की है। इसका बाजार पर सीधा असर पड़ा है।एशियाई बाजारों से पिछड़ता भारत इस साल अब तक निफ्टी 50 में केवल 5.2% की बढ़ोतरी हुई है, जो एशियाई और अन्य उभरते बाजारों (17 से 18% की बढ़ोतरी) के मुकाबले काफी कम है। अगर यही रुझान रहा, तो पांच साल में पहली बार निफ्टी इन सूचकांकों से पिछड़ जाएगा।भविष्य के अनुम...