नई दिल्ली, सितम्बर 17 -- हरियाणा सरकार को झटका देते हुए सुप्रीम कोर्ट ने अप्रैल 2022 के अपने एक फैसले को पलट दिया दिया। अदालत ने गांव की सार्वजनिक भूमि ग्राम पंचायतों को वापस करने का निर्देश दिया था। सात अप्रैल, 2022 को शीर्ष अदालत ने यह भी कहा था कि पंजाब के एक कानून के तहत मालिकों से उनकी अनुमेय सीमा से अधिक ली गई भूमि के संबंध में, केवल प्रबंधन और नियंत्रण ही पंचायत के पास होगा, न कि स्वामित्व। अपने ही फैसले की समीक्षा की मांग करने वाली याचिका को स्वीकार करते हुए, मुख्य न्यायाधीश बी. आर. गवई, न्यायमूर्ति प्रशांत कुमार मिश्रा और न्यायमूर्ति के. वी. विश्वनाथन की पीठ ने 2022 के फैसले को रद्द कर दिया। शीर्ष अदालत ने पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट की 2003 की पूर्ण पीठ के उस फैसले को बरकरार रखा, जिसमें कहा गया था कि चकबंदी के दौरान साझा उद्देश्य...
Click here to read full article from source
To read the full article or to get the complete feed from this publication, please
Contact Us.