नई दिल्ली, सितम्बर 8 -- सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को एक विधवा महिला के संपत्ति का अधिकार बहाल कर दिया। महिला को उसके ससुराल वालों ने अपने बेटे की जीवन बीमा पॉलिसी से जुड़े पैसे हड़पने के बाद ससुराल से निकाल दिया गया था। न्यायमूर्ति सूर्यकांत और न्यायमूर्ति जॉयमाल्या बागची की पीठ ने कहा कि ससुराल वालों पर विधवा से मारपीट करने का भी आरोप है। पीठ ने इस मामले में अग्रिम जमानत की मांग करने वाले बीरेंद्र उरांव से कहा कि आपने इस गरीब विधवा को उसके पति की मृत्यु के बाद घर से निकाल दिया, सिर्फ उसकी संपत्ति हड़पने के लिए। आपने उसके पति के नाम से की गई जीवन बीमा पॉलिसी के पैसे हड़प लिए। अब आप गरीब आदिवासी होने का दावा कर रहे हैं। यह स्वीकार नहीं किया जाएगा। न्यायमूर्ति कांत ने आगे कहा कि ये लोग सोचते हैं कि आदिवासी होने के नाते वे कुछ भी कर सकते हैं। ...
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