नई दिल्ली, जुलाई 15 -- सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को हत्या के एक मामले में मौत की सजा पाए एक व्यक्ति को बरी कर दिया। साथ ही, फोरेंसिक साक्ष्यों में कमियों और डीएनए नमूनों के प्रबंधन पर देशव्यापी निर्देश जारी किए। न्यायमूर्ति विक्रम नाथ, न्यायमूर्ति संजय करोल और न्यायमूर्ति संदीप मेहता की पीठ ने निर्देश दिया कि अब से फोरेंसिक साक्ष्य वाले ऐसे सभी मामलों में, उचित सावधानी के साथ डीएनए नमूने एकत्र किए जाएं और त्वरित एवं उचित पैकेजिंग सहित सभी जरूरी प्रक्रियाओं का पालन करते हुए उनका दस्तावेजीकरण किया जाए। इस मामले में, सुप्रीम कोर्ट ने जांच को 'दोषपूर्ण बताते हुए आरोपी को राहत प्रदान की और मामले में एकत्र डीएनए साक्ष्यों में कमियों को रेखांकित किया। पीठ मद्रास हाईकोर्ट द्वारा मार्च, 2019 में पारित एक आदेश के खिलाफ दोषी की अपील पर सुनवाई कर रही ...