नई दिल्ली, जून 4 -- सुप्रीम कोर्ट ने एक व्यक्ति को उसके दोस्त की हत्या के आरोप से बुधवार को बरी कर दिया। अदालत ने कहा कि 2010 में हुए अपराध के पीछे कोई स्पष्ट मकसद नहीं बताया गया। न्यायमूर्ति बी. वी. नागरत्ना और न्यायमूर्ति सतीशचंद्र शर्मा की पीठ ने कहा कि ट्रायल कोर्ट और हाईकोर्ट ने अपराध के पीछे मकसद पता लगाए बिना परिस्थितिजन्य साक्ष्यों के आधार पर वैभव को दोषी ठहराया। पुलिस ने दावा किया कि वैभव ने रिवॉल्वर से अपने दोस्त को गोली मार दी थी। हालांकि, दोषी ने दावा किया कि पीड़ित मंगेश ने गलती से खुद को गोली मारी थी। वैभव ने कहा कि उसने डर के कारण ऐसा किया और घटनास्थल को साफ करके शव हटा दिया। पीठ ने कहा कि हम इस निष्कर्ष पर पहुंचे हैं कि हाईकोर्ट ने दोषी का पता लगाने और ट्रायल कोर्ट के फैसले को बरकरार रखने में गलती की है। पेश किए गए परिस्थि...