चंदौली, अप्रैल 29 -- इलिया, हिन्दुस्तान संवाद। क्षेत्र के खरौझा गांव के हिनौती मौजा स्थित हनुमान मंदिर परिसर में नव दिवसीय संगीतमय श्रीराम कथा के दूसरे दिन कथावाचक रीतेश ने कहा कि धर्म अथवा भक्ति में श्रद्धा होनी चाहिए स्पर्धा नहीं। प्रजापति दक्ष ने यज्ञ कराया, लेकिन श्रद्धा भाव से नहीं, अपितु भगवान शिव के तिरस्कार के लिए और परिणामस्वरुप दक्ष का मस्तक काट दिया गया। कथा वाचक ने कहा माता सती पुन: पार्वती के रूप में पर्वत राज हिमाचल के यहां अवतरित हुई। नारद जी मॉ पार्वती के भविष्य को मैना से बताया। कहा आपकी बिटिया में सभी गुण ही गुण है। नारद जी ने नौ अवगुण भगवान शिव में बताई। लेकिन मां पार्वती सप्त ऋषियों से कहीं नौ अवगुण ही नहीं बल्कि भगवान शिव अवगुणों के खान होंगे। फिर भी जनम कोटि लगी रगर हमारी। बरहुं संभु न त रहऊं कुंवारी। विवाह केवल भगवा...
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