शामली, अगस्त 4 -- रविवार को धर्म नगरी कांधला के सिद्ध पीठ माता वैष्णो देवी नीलकंठ महादेव मंदिर पर पिछले एक पखवाड़ा से कथा आचार्य ब्रजमोहन शर्मा के श्री मुख से आयोजित की जा रही शिव महापुराण कथा में श्रद्धालुओं को संबोधित कथा में बताया कि शिव महापुराण की पावन कथा में एक अद्भुत प्रसंग सामने आया है, जिसमें भगवान शिव के 108 दिव्य नामों की उत्पत्ति और आदि शंकराचार्य की घोर तपस्या का वर्णन किया गया है। यह प्रसंग न केवल श्रद्धालुओं के लिए प्रेरणा का स्रोत है, बल्कि भक्ति और ज्ञान के समन्वय का साक्षात प्रमाण भी है। कथा के अनुसार, आदि शंकराचार्य जब केवल आठ वर्ष के थे, तभी उन्होंने वैराग्य की राह पकड़ ली। वे हिमालय की गुफाओं में जाकर गहन साधना में लीन हो गए। उन्होंने निराकार ब्रह्म के स्वरूप को जानने की लालसा से भगवान शिव का आह्वान किया। वर्षों तक न...