नई दिल्ली, नवम्बर 19 -- इस बात में कोई भी दो राय नहीं है कि आजकल भक्ति भी मॉर्डन रूप ले चुकी है। चार धाम यात्रा हो फिर ज्योतिर्लिंग को कवर करना हो...जब आप ऐसी जगहों पर जाते हैं तो आसपास के दुकानदार पूजा-पाठ की बाकी चीजों के साथ मंत्र लिखे हुए कुर्तों को बेचते है। किसी पर ॐ लिखा होता है तो किसी पर ॐ नमः शिवाय। वहीं कुछ कुर्तों पर गायत्री मंत्र भी लिखा होता है। लोग इन कुर्तों को बड़े चाव से भी पहनते हैं लेकिन क्या वैदिक मंत्र वाले इन कुर्तों का ऐसा पहनना सही है? या फिर मॉर्डन भक्ति के जमाने में लोग सिर्फ दिखावे के पीछे ही भागने लगे हैं? अपने एक प्रवचन के दौरान वृंदावन के जाने-माने संत प्रेमानंद महाराज ने इस पर अपनी राय सामने रखी है। नीचे विस्तार से जानिए कि आखिर इस पर उनके क्या विचार हैं?नहीं पहनना चाहिए मंत्रों वाला कुर्ता प्रेमानंद महाराज...