देहरादून, मई 12 -- श्री सनातन धर्म सभा गीता भवन में सोमवार से रामकिंकर विचार मिशन के परमाध्यक्ष स्वामी मैथिलीशरण महाराज ने श्रीराम चरित मानस से अपनी सरस व्याख्या का शुभारंभ किया। कथा 18 मई तक नित्य सायं 6 बजे से साढ़े सात बजे तक होगी। पहले दिन कथा सुनाते हुए उन्होंने कहा कि शिव के भक्त राम और राम के भक्त शिव हैं। यदि किसी की इच्छा न हो और विवश होकर भी यदि कोई भगवान के परम पावन राम के नाम का उच्चारण करता है तो वह अनेक पापों से मुक्त हो जाता है। व्यक्ति को अगुण और सगुण को लेकर नाम और रूप को लेकर चित्त में भ्रम को नहीं आने देना चाहिए। शिव रूप विश्वास की परम पावनी वाणी को सुनकर भगवती पार्वती के मन में जो यह संशय था कि निर्गुण निराकार ब्रह्म सगुण रूप कैसे धारण करता है इसकी निवृत्ति हो गई। भगवान श्रीराम के प्रति अपने परम प्रभु प्रियतम शिव की दि...
Click here to read full article from source
To read the full article or to get the complete feed from this publication, please
Contact Us.