शामली, जुलाई 23 -- लगभग एक एक माह से चल रहा कांवड़ मेला शिवरात्र के साथ ही समापन पर आ गया है। अधिकांश पैदल यात्री जहां त्रियोदशी यानि शिवरात्रि से एक दिन पहले ही शिवालयों पर पहुंच गए है। बुधवार की सुबह चार बजकर 40 मिनट पर चतुर्दशी प्रारंभ होते ही शिवरात्र का जलाभिषेक प्रारंभ हो जायेगा, जो दिन पर चलेगा। ज्योतिषचार्यों का मानना है वैसे तो किसी भी समय जलाभिषेक कर सकते है, लेकिन त्रियोदशी एवं चतुर्दशी के संगम काल का समय अति उत्तम होगा। ज्योतिषचार्य पं. सतीश शर्मा ने बताया कि श्रावण मास की शिवरात्रि 23 जुलाई दिन बुधवार की है। 22 को सुबह सात बजकर छह मिनट से त्रियोदशी प्रारंभ हो गयी है। त्रियोदशी तिथि बुधवार की सुबह 4.40 मिनट पर समाप्त हो गयी और चतुर्दशी प्रारंभ हो जायेगी। दोनेां तिथि के संगम काल से भगवान आसुतोष को जलाभिषेक प्रारंभ हो जायेगा। यह...