चंदौली, मार्च 30 -- शहाबगंज, हिन्दुस्तान संवाद। विकास खण्ड के मसोई गांव में चल रही सात दिवसीय श्री शिव महापुराण की कथा में श्री शिवम शुक्ला जी महाराज ने तीसरे दिन यज्ञ दत्त नामक ब्राह्मण की कथा सुनाई। कहा कि वह बड़े विद्वान और नियम धर्म से रहते थे। उनका एक बालक था जिसका नाम गुननिधि था। वह कुसंगति में पड़कर जुआ खेलने लगा। वह घर की सब वस्तु जुआ में हार गया। स्वर्ण की अंगूठी पीतल की थाली चांदी की गहने सब जुए में हार गया। जब भी यज्ञ दत्त अपने पुत्र गुणानिधि के विषय में अपनी पत्नी से पूछते थे की गुननिधि कहां है? तो उनकी पत्नी डर के मारे अपने पति से झूठ कह देती थी की गुण निधि पढ़ने गया है। एक दिन यज्ञ दत्त ब्राह्मण यज्ञ कर कर लौट रहे थे उन्होंने देखा कि एक जौहरी के हाथ में स्वर्ण की अंगूठी है जो कि यह पंडित जी को यज्ञ में मिली थी। यज्ञ दत्त ने ...