रिषिकेष, अगस्त 3 -- कथा मर्मज्ञ शिव स्वरूप नौटियाल ने कहा कि शिव का स्वरूप परम कल्याणकारी है, अनेकता में एकता का संदेश देने की कथा शिव महापुराण में वर्णित है। कलिकाल से बचना है तो मनुष्य को श्री शिवमहापुराण का श्रवण करना चाहिए। इससे मनुष्य समस्त पापों से मुक्त हो जाता है। रविवार को ग्राम सभा खदरी खड़क माफ के चौपड़ा फार्म में आयोजित 11 दिवसीय शिव महापुराण कथा के तीसरे दिन कथा वाचक आचार्य शिव स्वरूप नौटियाल ने कहा कि शिवमहापुराण में सात संहिताएं हैं। विद्येश्वर संहिता, रुद्र संहिता, शतरुद्र संहिता, कोटिरुद्र संहिता, उमा संहिता, कैलाश संहिता, और वायवीय संहिता। ये संहिताएं शिवपुराण में भगवान शिव के विभिन्न पहलुओं और कथाओं का वर्णन करती हैं, जैसे कि उनकी महिमा, अवतार, ज्योतिर्लिंग, और शिव-भक्ति है। शिव की भक्ति में अपार शक्ति है। मौके पर आचार्...