रिषिकेष, मई 8 -- परमार्थ निकेतन में शिवकथा ज्ञानयज्ञ शुरू हो गया है। पांच दिवसीय शिवकथा में महाराष्ट्र के 600 से अधिक श्रद्धालु भाग ले रहे हैं। गुरुवार को स्वामी चिदानंद सरस्वती एवं कथा व्यास रामभारती ने शिवकथा का शुभारंभ किया। कथावाचक ने कहा कि भगवान शिव के जीवन, तत्त्व और शिक्षाओं को समर्पित यह कथा आत्मशुद्धि, संयम और सेवा का संदेश देने वाली है। उन्होंने भगवान शिव के स्वरूप, उनके वैराग्य, करुणा और ब्रह्मज्ञान की महिमा का वर्णन किया। गुरुवार को गंगातट पर आयोजित शिवकथा में स्वामी चिदानन्द सरस्वती ने कहा कि शिव का अर्थ है कल्याण और शिवकथा का श्रवण जीवन में कल्याणकारी परिवर्तन लाता है। शिव हमें सिखाते हैं कि कैसे हम भीतर के विष (काम, क्रोध, लोभ) को नीलकंठ बनकर धारण करें और समाज के लिए मंगलकारी बनें। भगवान शिव का परिवार विविधता में एकता का अ...