प्रयागराज, दिसम्बर 2 -- भारतीय संस्कृति की बहुरंगी छटा से सजी उत्तर मध्य क्षेत्र सांस्कृतिक केंद्र के राष्ट्रीय शिल्प मेला की दूसरी शाम लोकनृत्यों व सुरों की मधुर धुनों को समर्पित रही। सूफी गायक रोशन पांडेय ने मुक्ताकाशी मंच पर 'एक राधा एक मीरा', 'तू माने या ना माने दिलदारा', 'छाप तिलक सब' व 'दमादम मस्त कलंदर' जैसे गीतों की प्रस्तुति से हर किसी को मंत्रमुग्ध कर दिया तो मनोज कुमार ने 'बोलो राम बोलो जय सियाराम' व 'बम-बम बोल रहा है काशी' की प्रस्तुति से समा बांधा। लोकनृत्यों की कड़ी में हरियाणा से आए प्रदीप कुमार बमनी व साथी कलाकारों ने पनिहारी नृत्य के माध्यम से देवर-भाभी की हंसी-ठिठोली को मंच पर जीवंत किया। आकर्षक परिधानों से सजे कलाकारों के नृत्य को दर्शक अपने मोबाइल में कैद करते हुए दिखाई दिए। उर्वशी जेटली व साथियों की गंगा अवतरण पर आधार...