धनबाद, अगस्त 5 -- बिहार में 2016 में हुई शराबंदी की चर्चा पूरे देश में हुई। झामुमो सुप्रीमो शिबू सोरेन ने आज से 43 वर्ष पूर्व शराबबंदी के लिए आंदोलन चलाकर इसे अपने क्षेत्र में लागू कराया। शराब पीते हुए पकड़े जाने पर शिबू सोरेन एक मन (40) लाठी की सजा देते थे। टुंडी और आसपास के इलाके में शिबू सोरेन का ऐसा खौफ था कि शराबी उनका नाम सुनते ही शराब छोड़कर भागने लगते थे। 1972-73 में शिबू सोरेन ने जिले के टुंडी प्रखंड के सुदूर पलमा और बाद में पोखरिया आश्रम से भूमिगत आंदोलन शुरू किया था। इस दौरान उन्होंने पाया कि आदिवासियों के पिछड़े होने की सबसे बड़ी वजह शराबखोरी है। उन्होंने इसके खिलाफ ही सबसे पहले आंदोलन शुरू किया। आदिवासी बहुल इलाके में उन्होंने आंदोलन की शुरुआत ही शराब बंदी से की थी। उन्होंने आदिवासी समाज में शराब के खिलाफ जागरुकता अभियान चलाय...
Click here to read full article from source
To read the full article or to get the complete feed from this publication, please
Contact Us.