संवाददाता, दिसम्बर 29 -- बरेली के करेली गांव की 24 वर्षीय ज्योति चौहान ने साबित कर दिया है कि नीयत मजबूत हो तो शिक्षा के रास्ते में न साधनों की कमी बाधा बनती है और न ही कठिन परिस्थितियां। आर्थिक तंगी, पारिवारिक जिम्मेदारियों और निजी संघर्षों के बावजूद ज्योति ने ठान लिया था कि उनके गांव का कोई भी बच्चा सिर्फ गरीबी के कारण पढ़ाई से वंचित नहीं रहेगा। इसी संकल्प के साथ वह पिछले सात वर्षों से भीमसेन मंदिर परिसर में पेड़ के नीचे नि:शुल्क कक्षा लगाकर 120 से अधिक बच्चों की जिंदगी संवार रही हैं। यह अनोखी पाठशाला अब कई परिवारों के लिए उम्मीद की किरण बन चुकी है। आठ भाई-बहनों के बड़े परिवार में सबसे छोटी ज्योति बचपन से ही संघर्षों से जूझती रहीं। उनकी मां का देहांत हो चुका है, जबकि पिता रामपाल सिंह चौहान सिंचाई विभाग में ऑपरेटर रहे हैं और करीब 12 वर्ष...
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