अहमदाबाद, अगस्त 14 -- एक ऐसे राज्य में जहां लाभ की गणना करने, मार्जिन पर बातचीत करने और एक-एक रुपये का मोलभाव करने की क्षमता स्वाभाविक है, वहां उम्मीद की जाती है कि इसकी कक्षाएं गणित के आत्मविश्वास से भरी होंगी। फिर भी, नवीनतम 'परख' मूल्यांकन रिपोर्ट एक गंभीर तस्वीर पेश करती है। गुजरात के छात्र चाहे वे सरकारी में हो या निजी स्कूलों में, राज्य या केंद्रीय बोर्ड में, शहरों या गांवों में पढ़ रहे हों, बुनियादी बातों में लड़खड़ा रहे हैं। उन्हें संख्याओं को क्रम में व्यवस्थित करने से लेकर बीजगणित(Algebra) में सूत्रों को लागू करने तक, हर चीज़ का परीक्षण किया गया,और वे लगातार राष्ट्रीय मानकों से पीछे रहे। विशेषज्ञों ने चेतावनी दी है कि यह सिर्फ खराब परीक्षा अंकों के बारे में नहीं है, बल्कि एक बढ़ते सीखने के अंतर का संकेत है जो राज्य के भविष्य के ...