बिजनौर, मार्च 18 -- गायत्री शक्तिपीठ पर आयोजित गायत्री महायज्ञ में संस्कारों की महत्ता पर बल दिया गया। बताया गया कि संस्कारों का महत्व मनुष्य के जीवन में धन और शिक्षा से भी अधिक है। व्यास पीठ पर विराजमान हुकुम सिंह शास्त्री और बिजेंद्र राठी ने यज्ञ कराया। यज्ञ के यजमान सुमन कुमार शर्मा और उनकी धर्मपत्नी नेहा शर्मा रहीं। यज्ञ के दौरान सांची भारद्वाज का जन्म दिन संस्कार और त्रिशा का अन्नप्राशन संस्कार कराया गया। संस्कारों के महत्व पर विस्तार से प्रकाश डालते हुए हुकुम सिंह शास्त्री ने बताया कि धन और अच्छी शिक्षा होते हुए भी यदि मनुष्य संस्कारवान नहीं है तो वह विकास के स्थान पर विनाश के मार्ग पर चल सकता है। इसलिए बालक को शिशु अवस्था से ही संस्कारवान बनाना आवश्यक है। संस्कारवान युवा यदि अशिक्षित और धनहीन है तो वह शिक्षित और धनवान बन सकता है और...
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