लातेहार, जून 15 -- मनीष उपाध्याय लातेहार। इस प्रतिस्पर्धा समाज में जहां समाज के नीतियों को निभाना मध्यवर्गीय परिवार को भारी पड़ता है। वही लातेहार निवासी सेवानिवृत शिक्षक करमा उरांव अपने पांच पुत्रों को शिक्षा दीक्षा ही नहीं बल्कि उन्हें एक मुकाम तक भी पहुंचाया है। फादर्स डे पर उनसे बेहतर उदाहरण मौजूदा समय में जिले में शायद ही कोई होगा। सदर प्रखंड के सबानो गांव निवासी करमा उरांव प्राइमरी शिक्षक है। उनके पांच पुत्र और दो पुत्री हैं। शिक्षक रहते उन्होंने अपने बच्चों को ऐसी शिक्षा दी की उनके पांचो पुत्र आज लातेहार के लिए उदाहरण है। सभी सर्विस में है। दो विदेश में है और तीन पुत्र झारखंड में अफसर है। अपनी संघर्ष गाथा बताते करमा उरांव ने बताया कि वह बचपन से ही एक आंख से दिव्यांग थे। उनका जीवन काफी संघर्ष पूर्ण रहा है। जिस समय शिक्षक थे। उसे समय ...