संभल, जून 1 -- जब नीयत में बदलाव का जज्बा और दिल में शिक्षा की लौ हो, तो संसाधनों की कमी भी किसी का रास्ता नहीं रोक सकती। उच्च प्राथमिक विद्यालय बैटला के विज्ञान शिक्षक नईमुद्दीन अली अहमद ने यह साबित कर दिखाया है। सीमित संसाधनों और सरकारी तंत्र की चुनौतियों के बीच उन्होंने अपने दम पर सरकारी स्कूल को उम्मीद और प्रेरणा के केंद्र में बदल दिया है। शिक्षक नईमुद्दीन अली ने विद्यालय में बच्चों के नामांकन और ठहराव को लेकर जो प्रयास किए, वो किसी आंदोलन से कम नहीं थे। उन्होंने खुद के खर्च से बच्चों के लिए शैक्षिक सामग्री, चार्ट, मॉडल, प्रयोग किट, खेल सामग्री और रंगीन क्लासरूम तैयार किए। उनका यही समर्पण है कि आज प्राइवेट स्कूलों से बच्चे लौटकर उनके विद्यालय में प्रवेश ले रहे हैं। विद्यालय में बच्चों का आत्मविश्वास, नेतृत्व और जागरूकता देखते ही बनती ...
Click here to read full article from source
To read the full article or to get the complete feed from this publication, please
Contact Us.