आगरा, मार्च 3 -- आगरा। देश का भविष्य निर्माण करने वाले परिषदीय शिक्षक लंबित मांगें पूरी न हो पाने परेशान हैं। बात पुरानी पेंशन बहाली की मांग की हो। या फिर कैशलेस इलाज सुविधा की। शिक्षक संगठन यूनाइनेट टीचर्स एसोसिएशन (यूटा) के पदाधिकारी कई बार प्रदर्शन कर चुके हैं। फिर भी मांगों पर सुनवाई नहीं हो पाई है। आपके अखबार हिन्दुस्तान के बोले आगरा के तहत आयोजित संवाद कार्यक्रम में संगठन पदाधिकारियों ने अपनी परेशानियां साझा कीं। कहा कि परिषदीय स्कूलों में तैनात सभी शिक्षकों को गैर शैक्षणिक कार्यों से मुक्त किया जाना चाहिए। तभी परिषदीय स्कूलों की शिक्षण गुणवत्ता में सुधार हो पाएगा। जिले में करीब 2491 परिषदीय विद्यालय हैं। इन विद्यालयों में करीब ढ़ाई लाख छात्र-छात्राओं के नामांकन हैं। इन ढ़ाई लाख छात्र-छात्राओं को पढ़ाने, उनका भविष्य संवारने की जिम्म...
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