लखनऊ, अक्टूबर 4 -- शिक्षक पात्रता परीक्षा (टीईटी) के मुद्दे पर अखिल भारतीय प्राथमिक शिक्षक संघ कोर्ट के फैसले को लेकर मौन साधे केंद्र व राज्य सरकारों के खिलाफ दो-दो हाथ करने के मूड में है। अखिल भारतीय शिक्षक संघ के प्रमुख घटकों में से एक यूपी के यूनाइटेड टीचर्स एसोसिएशन (यूटा) के प्रदेश अध्यक्ष राजेंद्र सिंह राठौर कहते हैं कि प्रदेश के परिषदीय स्कूलों में करीब एक लाख शिक्षक ऐसे हैं जो टीईटी के लिए आवेदन ही नहीं कर सकते। इनमें बहुतायत बीएड योग्यताधारी वे शिक्षक हैं, जो प्राथमिक विद्यालयों में कार्यरत हैं। इसके अतिरिक्त विशिष्ट बीटीसी भर्ती 1999, 2004 तथा 2007 में चयनित बीपीएड योग्यताधारी शिक्षक हैं। वर्ष 2001 से पूर्व इंटर, बीटीसी के आधार पर नियुक्त भारी संख्या में ऐसे शिक्षक हैं जिनकी सेवा अभी पांच वर्ष से अधिक शेष है तथा मृतक आश्रित कोटे...