मेरठ, मार्च 8 -- शाही जामा मस्जिद में छह रोजा शबीना पूरा हुआ। कारी शफीकुर्रहमान, काज़ी हस्सान क़ासमी ने शहर का सब से पुराना और बड़ा छह रोज़ा शबीना तरावीह में पूरा किया। कारी शफीकुर्रहमान कासमी ने शबीना ख़त्म की दुआ कराई। उन्होंने कहा कि उन्होंने 43 साल पहले यह परंपरा शुरू की थी, उस वक़्त मुशिकल से एक सफ होती थी, आज तक यह सिलसिला बराबर चल रहा है और पूरी मस्जिद भर जाती है। तकरीर में उन्होंने कहा कि यह रमजान का मुबारक महीना चल रहा है। इस महीने ख़ूब अल्लाह की इबादत करें और अपने और देश की खुशहाली के लिए दुआ मांगें। रमज़ान के महीने ख़ूब खै़रात करें। पुण्य करें। इस्लाम धर्म की सीख है कि जब आप खाना खाएं या इफ्तार करें तो आपका पड़ोसी भूखा ना हो। चाहे मुस्लिम या कोई दूसरे धर्म को मानने वाला हो। जो भी मालदार और साहिब-ए-निसाब व्यक्ति है वह ज़कात ज़रू...