संभल, मार्च 23 -- शाही जामा मस्जिद के सामने स्थित खाली भूमि पर लोगों के दावे को लेकर विवाद गहराता जा रहा है। मामले में अब एक नया मोड़ आ गया है। जामा मस्जिद के पास रहने वाले कश्यप समाज के प्रेमशंकर नामक व्यक्ति ने अदालत में दावा किया है कि यह भूमि वास्तव में एक प्राचीन मठ की है, जिसे साप्रदायिक दंगों के कारण उजाड़ दिया गया था। उन्होंने न्यायालय में प्रार्थना पत्र दायर कर इस मामले में स्वयं को पक्षकार बनाए जाने की मांग की है। सूत्रों के मुताबिक कोर्ट ने मामले को लिस्टेड कर लिया है। शाही जामा मस्जिद के सामने की भूमि के बगल सरकारी भूमि पर सत्यव्रत पुलिस चौकी का निर्माण किया जा रहा है। उक्त भूमि को भी पूर्व में वक्फ की होने का दावा किया जा रहा था लेकिन जब मामले की जांच की गई तो भूमि सरकारी निकली। वहीं चौकी के बगल की भूमि को शाही जामा मस्जिद कम...