एटा, जून 11 -- बुधवार को आर्ष गुरुकुल महाविद्यालय में स्नातक पुनश्चर्या शिविर में भारतीय संस्कृति का सरंक्षण पर चर्चा की गई। कार्यक्रम में बोलते हुए प्रो. रामप्रकाश वर्णी ने व्याकरण शास्त्र और पाणिनि की ओर से निर्दिष्ट विभिन्न अंगों के बारे में बताया। प्रो. कमलेश कुमार शास्त्री ने जीवन में उपयोगी सिद्धान्तों को सरल विधि से समझाया। डॉ. सुरेश चन्द्र शास्त्री ने गुरुकुल के अपने अनुभव एवं पतंजलि के महाभाष्य पर दृष्टि विस्तार किया। कुलाधिपति डॉ. वागीश आचार्य ने बताया कि दार्शनिक सिद्धान्तों से जीवन रहस्यों के उद्घाटन का मार्ग प्रशस्त हो सकता है। डीयू के कालिदी कॉलेज से आए डॉ. शिवकुमार का स्वागत किया गया। डॉ. सुशीला ने डॉ. पूनम भारद्वाज का अभिनन्दन किया। शिवस्वरूप, डॉ. राजीव पाराशर, डॉ. रामपाल आर्य, डॉ. लोकेन्द्रदेव आर्य, नियमदत्त शास्त्री, आचा...
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