जमशेदपुर, मार्च 8 -- अगर इरादे पक्के हों और ईमानदारी भरा प्रयास किया जाए तो कोई भी बाधा मंजिल पाने से रोक नहीं सकती। शहर की कई महिलाओं ने शारीरिक कमियों के बावजूद वह कर दिखाया, जो बेहतर लोगों के लिए भी आसान नहीं है। तमाम बाधाओं को पार कर दो महिलाओं ने सिर्फ मुकाम हासिल किया और देश का नाम भी रोशन किया। टेल्को की 33 वर्षीय नंदिता के सिर से माता-पिता का साया बचपन में ही उठ गया। एक संस्था द्वारा इनका लालन-पालन हुआ। नंदिता धीरे-धीरे बड़ी हुईं तो पता चला आईक्यू लेवल लो है। इसके बाद उनकी पूरी पढ़ाई स्कूल ऑफ होप में हुई। वह बचपन से ही स्वभाव से काफी तेज तर्रार और साइकिलिंग में बेहतर थीं। उन्होंने स्कूल ऑफ होप में साइकिलिंग का अभ्यास शुरू किया। रोज 3 घंटे के कठिन अभ्यास के बाद नंदिता ने 2011 के स्पेशल ओलंपिक वर्ल्ड गेम्स में भाग लिया और साइकिलिंग ...