बांका, सितम्बर 25 -- बांका, नगर प्रतिनिधि। हिंदू धर्म में नवदुर्गा के आठ स्वरूपों में से एक माता कुष्मांडा देवी को मना गया है। इन्हें शक्ति के उस रूप में पूजा जाता है जो ब्रह्मांड की उत्पत्ति करती हैं। जहां संस्कृत में "कु" का अर्थ है "थोड़ा", "उष्मा" का अर्थ है "ऊर्जा" या "गर्मी", और "अंड" का अर्थ है "ब्रह्मांड"। अतः 'कुष्मांडा' का अर्थ होता है वह देवी जिनकी हल्की मुस्कान से सम्पूर्ण ब्रह्मांड का सृजन हुआ। इनका नाम यह दर्शाता है कि वे सृष्टि की आदिशक्ति हैं। कुष्मांडा देवी का स्वरूप अत्यंत तेजस्वी और दीप्तिमान है। वे अष्टभुजा (आठ भुजाओं वाली) देवी के रूप में प्रतिष्ठित हैं। उनके हाथों में कमंडल, धनुष, बाण, कमल, अमृत कलश, चक्र, गदा और एक हाथ में जपमाला होती है। यह जपमाला सिद्धियों और अध्यात्मिक ऊर्जा की प्रतीक मानी जाती है। देवी सिंह पर स...
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