बिहारशरीफ, मई 7 -- बस पड़ाव 05: शाम होते ही राजगीर बस स्टैंड में छा जाता है सन्नाटा, समय सारणी न किराया चार्ट बदहाली से गुजर रहा अंतरराष्ट्रीय पर्यटन नगरी का बस स्टैंड हर एक घंटे खुलती हैं 22 बसें, फिर भी सुविधाएं नदारद क्षमता के अनुसार शेड नहीं, यात्रियों को रोज उठानी पड़ती है फजीहत फोटो : राजगीर बस : राजगीर बस पड़ाव में बने यात्री शेड व उसके बाहर वाहन के इंतजार में बैठे यात्री। राजगीर, निज संवाददाता। अंतरराष्ट्रीय पर्यटन नगरी का बस स्टैंड बदहाली के दौर से गुजर रहा है। शाम होते ही बस स्टैंड में सन्नाटा छा जाता है। यहां न गाड़ियों की समय सारणी और न ही किराया चार्ट लगा है। जबकि, रोजाना हर एक घंटे में विभिन्न शहरों के लिए 22 बसें खुलती हैं। 1962 में बना बस पड़ाव आज भी बदहाल है। हद तो यह कि क्षमता के अनुसार यात्री शेड तक नहीं है। किसी तरह लोग य...