दिल्ली, सितम्बर 21 -- दिल्ली हाईकोर्ट ने यह फैसला सुनाया है कि अगर किसी तीसरे व्यक्ति ने जानबूझकर हस्तक्षेप करके शादी को नुकसान पहुंचाया है, तो जीवनसाथी उस प्रेमी/प्रेमिका पर हर्जाने के लिए मुकदमा कर सकता है। यह फैसला तब आया जब कोर्ट ने एक मामले में समन जारी किया, जिसमें एक पत्नी ने अपने पति की कथित प्रेमिका से 'एलियनएशन ऑफ अफेक्शन' (Alienation of Affection) के लिए 4 करोड़ का हर्जाना मांगा है। 'एलियनएशन ऑफ अफेक्शन' (AoA) एक 'टॉर्ट' (Tort) है, जिसका अर्थ है 'सिविल गलती' या 'दीवानी दोष'। यह कानून पुरानी एंग्लो-अमेरिकन कॉमन लॉ व्यवस्था से आया है। यह किसी जीवनसाथी को उस तीसरे पक्ष से पैसों का मुआवज़ा मांगने की अनुमति देता है, जिस पर शादी तोड़ने या प्यार और स्नेह को खत्म करने का आरोप है। इन 'हार्ट बाम' टॉर्ट्स (विवाहित जीवन को भावनात्मक नुकसान...
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