नई दिल्ली, जून 24 -- मद्रास हाईकोर्ट ने हाल ही में एक मामले की सुनवाई के दौरान कहा है कि शादी के बाद महिलाओं की पर्सनल लाइफ खत्म नहीं होती है और उन्हें पासपोर्ट बनवाने जैसे कामों के लिए पति की इजाजत लेने की जरूरत नहीं होनी चाहिए। हाईकोर्ट ने कहा है कि महिला के पास अपने पति की इजाजत या साइन के बिना पासपोर्ट के लिए आवेदन करने का पूरा अधिकार है। जस्टिस एन आनंद वेंकटेश ने सुनवाई के दौरान कहा कि पासपोर्ट के लिए आवेदन करने के लिए भी पति की इजाजत लेने की जरूरत महिलाओं की आजादी में बाधा है और यह पितृसत्तात्मक समाज की निशानी है। कोर्ट जे रेवती नाम की एक महिला की याचिका पर सुनवाई कर रहा था। चेन्नई स्थित क्षेत्रीय पासपोर्ट कार्यालय (आरपीओ) ने महिला का पासपोर्ट आवेदन इस आधार पर स्थगित कर दिया गया था कि उसके पति ने आवेदन पत्र (फॉर्म-जे) पर हस्ताक्षर न...