नई दिल्ली। हिन्दुस्तान, अगस्त 16 -- दिल्ली हाईकोर्ट ने कहा है कि यदि आरोपी शुरू से जानता है कि शादी असंभव है और फिर भी झूठा वादा कर महिला से शारीरिक संबंध बनाता है, तो यह बलात्कार का अपराध है। हाईकोर्ट ने निचली अदालत द्वारा बरी किए जा चुके आरोपी को दोषी ठहराया। जस्टिस स्वर्णकांत शर्मा की बेंच ने स्पष्ट किया कि केवल यौन लाभ पाने के लिए किया गया ऐसा वादा, जिसे निभाने का कोई इरादा न हो, आपराधिक कानून के तहत बलात्कार की श्रेणी में आता है। मामला एक ऐसे व्यक्ति से जुड़ा है जिस पर एक महिला के साथ लंबे समय तक बार-बार शारीरिक संबंध बनाने और हर बार जल्द शादी का आश्वासन देने का आरोप है। दिल्ली पुलिस ने निचली अदालत के उस आदेश को हाईकोर्ट में चुनौती दी, जिसमें आरोपी को बरी कर दिया गया था। निचली अदालत ने यह कहते हुए उसे बरी किया था कि एफआईआर घटना के ढा...