विधि संवाददाता, नवम्बर 4 -- इलाहाबाद हाईकोर्ट ने एक आदेश में कहा है कि शादी के झूठे वादे के आधार पर यौन संबंध बनाना दुष्कर्म का अपराध है। यह की आईपीसी की धारा 376 के तहत आता है। कोर्ट ने कहा कि अगर शादी का वादा शुरू से ही झूठा था और उसका एकमात्र उद्देश्य पीड़िता की सहमति हासिल करना था तो ऐसा यौन संबंध दुष्कर्म की श्रेणी में आता है। यह आदेश न्यायमूर्ति अवनीश सक्सेना ने रवि पाल व अन्य की याचिका पर दिया है। साथ ही उनके विरुद्ध चार्जशीट को बरकरार रखते हुए याचिका खारिज कर दी। ये मामला गोरखपुर के सहजनवां थाने का है। पीड़िता ने 17 जनवरी 2024 को रवि पाल, उसके भाई अंकित पाल, पिता महेंद्र पाल और मां मुन्नी देवी के खिलाफ रेप और साजिश की प्राथमिकी दर्ज करा आरोप लगाया कि याची ने उससे शादी का झूठा वादा करके 21 नवंबर 2023 को अपने घर पर, 23 नवंबर को एक ह...