सहारनपुर, जून 30 -- सहारनपुर। मुहर्रम की तीन तारीख को नगर के विभिन्न इमामबाड़ो में हुई मजालिस मे मुस्लिम धार्मिक विद्वानों ने करबला के शहीद हजरत मुस्लिम के दो छोटे और कमसीन बच्चे शहीद हजरत औन व हजरत मुहम्मद की शहादत का फलसफा बयां किया। पहली मजलिस इमामबाड़ा सामानियान मोहल्ला कायस्तान में मौलाना डॉ. सय्यद फतेह मुहम्मद जैदी, दूसरी मजलिस बड़ा इमामबाड़ा में मौलाना मिर्जा जावेद और तीसरी मजलिस में मौलाना सय्यद मीसम नकवी ने खिताब फरमाया। इसी तरह चौथी मजलिस सादात कालोनी स्थित मरकज में मौलाना वासिफ काजमी ने खिताब फरमाया। धार्मिक विद्धानों ने कहा कि यजीद हजरत इमाम हुसैन अलैहिस्सलाम से समर्थन लेना चाहता था। यजीद चाहता था कि रसूल अकरम स.अ.व.स. का नवासा मेरा समर्थन कर देगा तो तमाम मुस्लमानों का खलीफा बनकर वह सारे काम जायज कर दूंगा, जो इस्लाम में नाजायज है...
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