बोकारो, अगस्त 9 -- निर्मल बाबू का शहीद होना, एक सिद्धांत का अंत है, जो गरीब,मजलूमों, असहायों एवं न्याय प्रिय लोगों के लिए हमेशा आवाज बनकर स्मृति के रूप में याद किया जाएगा। उक्त बातें विधायक उमाकांत रजक ने श्रद्धांजलि सभा में कही। कहा इस क्रांतिकारी आवाज को झारखंड के दुश्मनों ने 39 साल पहले आज के दिन सदा के लिए शहीद कर दिया। विधायक ने कहा कि निर्मल बाबू का नेतृत्व क्षमता काफी जनप्रिय व प्रभावशाली था। 1984 में जब बिनोद बाबू के स्थान पर जब झामुमो के अध्यक्ष की आवश्यकता जेएमएम को पड़ी तो, मात्र चार साल पूर्व जेएमएम का सदस्य बने निर्मल बाबू को जेएमएम का अध्यक्ष नियुक्त किया गया। जिसने अपनी संघर्ष की बदौलत झारखंड निर्माण के लिए केंद्र और बिहार सरकार को बाध्य कर दिया था। इसके पूर्व विधायक उमाकांत रजक शहीद निर्मल महतो, झारखंड के पुरोधा दिशोम गुरू ...