अमरोहा, जुलाई 7 -- दस मोहर्रम के जुलूस में अजादारों ने जंजीर का मातम कर खुद को लहूलुहान कर लिया। जुलूस में ताजिए और अलम भी शामिल रहे। लोग नंगे सिर, नंगे पांव, या हुसैन-या हुसैन की सदाऐं बुलंद करते हुए चल रहे थे। कस्बा उझारी में जुलूस से पहले इमामबारगाह बाबुल हवाइज में मजलिस आयोजित की गई। जिसमें नौहाख्वानी जीशान हैदर व हमनवां ने की। मजलिस को मौलाना हसन हैदर नौगांवी ने खिताब फरमाते हुए कर्बला का दर्दनाक वाक्या बयान किया। जिसे सुनकर अजादार फूट-फूट कर रोने लगे। मजलिस के बाद शुरू हुआ जुलूस इमामबारगाह अबु तालिब पहुंचा। वहां पर गोल इमामबाड़े का ताजिया और अंसारियान वाला ताजिया इस जुलूस में शामिल हो गया। यहां से यह जुलूस हुसैनी चौक, चांदनी चौक होता हुआ भाटों वाले कुएं पर पहुंचा। जहां पर लक्कड़ शाह के इमामबाड़े का ताजिया, चौक वाला ताजिया जुलूस में ...