सहारनपुर, दिसम्बर 11 -- श्री दिगंबर जैन चंद्र नगर मंदिर में चल रहे पंचकल्याणक महोत्सव का छः दिवसीय आयोजन गुरुवार को मोक्ष कल्याणक के पवित्र अवसर पर पूर्ण हुआ। अंतिम दिन की शुभ बेला पर प्रणम्य सागर महाराज ने अपनी मंगल देशना में बताया कि प्रभु ने चार घातिया कर्म ज्ञानावरणीय, दर्शनावरणीय, मोहनीय और अंतराय का क्षय कर केवलज्ञान को प्राप्त किया और समवशरण में अरिहंत परमेष्ठी के रूप में विराजमान हुए। प्रणम्य सागर महाराज ने बताया कि आज के पावन दिवस पर पार्श्वनाथ प्रभु सम्मेद शिखर की सिद्ध भूमि के स्वर्णभद्र कुट से शेष चार अघातिया कर्म नाम, आयु, गोत्र और वेदनीय का क्षय कर शाश्वत सिद्ध पद, अर्थात मोक्ष, को प्राप्त हुए। अग्नि कुमार देवों द्वारा नख-केश विसर्जन और निर्वाण प्राप्ति का संजीव दृश्य प्रस्तुत किया गया, जिसे देखकर उपस्थित श्रद्धालु भावविभोर ...