दरभंगा, सितम्बर 22 -- उत्तर बिहार के क्रांतिकारियों व सेनानियों का दरभंगा शहर गढ़ रहा है। वित्तीय सहायता लेने के लिए देशभर के क्रांतिकारी व सेनानी यहां आते थे। इसके बावजूद शहरी क्षेत्र में शहीद स्थल का नहीं होना निराशाजनक है। लोग बताते हैं कि इसके अभाव में युवा पीढ़ी स्वतंत्रता संग्राम में अपने पूर्वजों की भूमिका से अनजान है। राष्ट्रीय उत्सवों पर स्थानीय स्वतंत्रता सेनानी गुमनाम रह जाते हैं। शहीद स्थल बनाकर स्वतंत्रता सेनानियों की प्रतिमा व शिलापट्ट पर उनके कार्यों का विवरण अंकित होना चाहिए। इससे युवाओं में राष्ट्रीयता की भावना का संचार होगा। साथ ही, बाहर से आने वाले लोग स्वतंत्रता आंदोलन में दरभंगा के योगदान से अवगत होंगे। शहीदों की चिताओं पर लगेंगे हर बरस मेले, वतन पर मरने वालों का यही बाकी निशां होगा। कवि जगदंबा प्रसाद 'हितैषी' की उक्त प...